नमस्कार दोस्तों, इस लेख के माध्यम से हम आपको हरियाणा पंचायती राज एक्ट 1994 / Haryana Panchayati Raj Act 1994 Notes in Hindi दे रहे हैं। पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार का एक हिसा/ शाखा है जो राज्यों में विकेंद्रीकरण और स्थानीय प्रशासन की प्रक्रिया की देखभाल करता है। पंचायती राज मंत्रालय पंचायती राज और पंचायती राज संस्थाओं से संबंधित सभी मामलों को देखता है। इसे मई 2004 में गठित किया गया था। इस मंत्रालय का नेतृत्व कैबिनेट रैंक के एक मंत्री द्वारा किया जाता है। इस समय मंत्रालय का नेतृत्वय श्री गिरिराज सिह कर रहे हैं। यहाँ से आप हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 / Haryana Panchayati Raj Act 1994 in Hindi बड़ी आसानी से आसानी से पढ़ सकते हैं वो भी बिना किसी परेशानी के।
इसके बाद हरियाणा पंचायती राज वित्त बजट / लेखा / लेखा परीक्षा / कराधान और कार्य नियम 1996 भी 14 अगस्त, 1996 को अधिसूचित किए गए। हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 के तहत, पंचायती राज संस्थाओं को सभी से संबंधित कर्तव्यों और कार्यों को सौंपा गया है। संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध 29 विषय।
हरियाणा पंचायती राज 1994 (Haryana Panchayati Raj Act 1994) से संबन्धित महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है जो आपकी HSSC (Clerk, Gram Sachiv, Patwari) की परीक्षाओं में आपकी काफी मदद करेंगे। हरियाणा राज्य 1 नवंबर, 1966 को अस्तित्व में आया और पंजाब ग्राम पंचायत अधिनियम, 1952 हरियाणा में पीआरआई (PRIs) के लिए लागू किया गया। 73 वें संवैधानिक संशोधन के बाद, ‘हरियाणा पंचायती राज अधिनियम-1994’ को 1992 में बनाया गया था, जो 22 अप्रैल, 1994 में लागू हुआ।
पंचायती राज संस्थान – Panchayati Raj Institution
भारत में ग्रामीण स्थानीय स्वशासन – Rural Local Self Government
हरियाणा में 3 स्तरीय पंचायती राज पद्धति की व्यवस्था है – ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद्
ग्राम पंचायत – 6079
पंचायत समिति – 126
जिला परिषद् – 21
3 स्तरीय पंचायती राज व्यव्स्थ्ता लागू करने वाला देश का पहला राज्य – राजस्थान (2 अक्तूबर 1959)
स्थानीय स्वशासन :- स्थानीय लोगों द्वारा निर्वाचित निकायों द्वारा स्थानीय मामलों का प्रबंधन
- ग्रामीण क्षेत्र → ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत
- नगरीय क्षेत्र → नगर निगम. नगर पालिका, नगर पंचायत
भारत में पंचायती राज :
वैदिक युग → प्राचीन संस्कृत शास्त्रों में एक आध्यामिक व्यक्ति सहित 5 व्यक्तियों के समूह का उल्लेख जिसका वर्णन पंचायतन शब्द से किया गया | धीरे-2 ऐसे समूहों से आध्यात्मिक व्यक्तियों को शामिल करने की अवाला विलुप्त
ऋवेद → स्थानीय स्व इकाईयों के रूप में समा समिति तथा विदय का वर्णन
महाकाव्य युग (रामायण व महाभारत) → रामायण में प्रशासन भागों में
विभाजित → पुर व जनपद ( नगर व ग्राम ) →पुर का प्रमुख नागरिक
→ राज्य में एक जाति पंचायत होती थी। जाति पंचायत द्वारा चुना गया व्यक्ति राजा की मंत्री परिषद् का लवस्य होता था ।
→ महाभारत के शांति पर्व, कौटिल्य के अर्थशास्त्र व मनुस्मृति में भी ग्रामों के स्थानीय स्वशासन के बारे में पता चलता है।
महाभारत के अनुसार ग्राम के ऊपर 10, 20, 100 व 1000 ग्राम समूहों की इकाइयो विधमान
ग्राम का मुखिया – ग्रामिक
दस ग्रामों का मुखिया – दसप
बीस ग्रामों का मुखिया – विश्य अधिपति
1000 ग्रामों का मुखिया – शत ग्राम पति
→ मौर्य तथा मौर्योत्तर काल में ‘ग्राम का मुखिया – वृद्धों की परिषद् (Councit of Etders)
→ गुप्त काल मे जिला अधिकारी – विषयपति, ग्राम का मुखिया – ग्रामपति
Note :- पंचायत के सदस्यों के रूप में स्त्रियों की भागीदारी का कोई वर्णन नहीं मिलता
मध्य काल :- सल्तनत काल में दिल्ली के सुल्तानों ने अपने राज्य को प्रातों में विभाजित किया जिन्हें ” विलायत” कहा जाता था ।
ग्राम शासन हेतु तीन महत्वपूर्ण अधिकारी :-
i) प्रशालन हेतु – मुकदम
ii) राजस्व संग्रह हेतु – पटवारी
iii) पंचों की सहायता से विवादों के समाधान हेतु – चौधरी
ब्रिटिश काल :- ब्रिटिश शासन के अंतर्गत ग्राम पंचायतें कमजोर
→ 1810 में भारत में प्रतिनिधि स्थानीय संस्थाओं का उद्भव
→ 1870 के मेयो प्रस्ताव ने स्थानीय संस्थामों की शक्ति व उत्तरदायित्वों में वृद्धि कर विकास को गति दी, नगरपालिकाओं में निर्वाचित प्रतिनिधियों की अवधारणा को प्रस्तुत किया गया
→ मेयों द्वारा उठाए गए कदमों का अनुसरण करते हुए लोर्ड रिपन ने वर्ष 1882 में इन स्थानीय संस्थाओं को लोकतांत्रिक ढांचा प्रदान किया
→ सभी बोर्डों में निर्वाचित गैर-अधिकारियों को दो तिहाई बहुमत को अनिवार्य
→ इन निकायों के अध्यक्ष को भी निर्वाचित गैर अधिकारियों में से ही चुना जाता था।
→ इसे भारत में स्थानीय स्वशासन का मैनाकाटी माना जाता है।
🔷 1907 में स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को CEH होवहाऊस की अध्यक्षता में केंद्रीकरण पर रायल कमीशन के गठन से अत्यंत बल मिला
Note:- इस आयोग ने ग्राम स्तर पर पंचायतों के महत्व को चिन्हित किया
🔷 वर्ष 1919 के ‘मांटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार’ ने स्थानीय सरकार के विषय को प्राप्तों के अधिकार क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया
Note:- 1925 तक आठ प्रांतों ने पंचायत अधिनियमों को पारित किया व 1926 तक 6 देशी रियासतों ने पंचायत अधिनियमों को पारित किया
🔷 स्वतंत्रता के बाद :
→ संविधान के अनुच्छेद 40 में ग्राम पंचायतों का संगठन (राज्य ग्राम पंचायतों के संगठन हेतु कदम उठाएगा)
→ अनुच्छेद 246 – स्थानीय स्वशासन से संबंधित किसी भी विषय के संबंध में कानून – बनाने का अधिकार राज्य विधानमंडल को सौंपा गया
Note :-
→ संविधान में पंचायतों के समावेशन का विरोध – भीमराव आंबेडकर द्वारा
→ बाद में इसे राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत के अंतर्गत अनुच्छेद-40 में शामिल किया गया
🔷2 अक्टूबर 1952
→ भारत में सामुदायिक विकास कार्यक्रम (CDP) लागू किया
→ प्रेरित अल्बर्ट मेयर द्वारा शुरू की गई इटावा परियोजना से
→ 1953 में राष्ट्रीय विस्तार सेवा की शुरुआत
🔷परिणाम → CDP फेल (बलवंत राय मेहता समिति द्वारा आंकलन) →
🔷 कारण → लोगों की भागीदारी में कमी
🔷वर्ष में 1957 में राष्ट्रीय विकास परिषद् ने बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में समिति का गठन ( पंचायती राज व्यवस्था को नाम दिया – लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण )
→ समिति त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं का सुझाव दिया गया द्वारा –
i) ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायत
ii) ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति
iii) जिला स्तर पर जिला परिषद
Note :-
पंचायती राज के जनक – बलवंत राय मेहता (गुजरात के दूसरे (CM)
पंचायती राज का वास्तुकार – बलवंत राय मेहता (गुजरात के दूसरे (CM)
मेहता समिति की सिफारिशों को 1 अप्रैल को 1958 को लागू किया गया
राजस्थान द्वारा इस समिति की सिफारिश पर 2 सितम्बर 1958 को पंचायती राज अधिनियम विधान सभा में पारित
2 अक्टूबर 1959 की त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था सबसे पहले राजस्थान के नागौर जिले में ( उद्घाटन – जवाहर लाल नेहरू द्वारा )
इसी समिति ने पंचायतों को सवैधानिक दर्जा देने की सिफारिश की
बलकतं राय मेहता समिति – गठन – जनवरी 1957 , रिपोर्ट – 24 नवम्बर 1957
1 नवम्बर 1959 – त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था आंध्र प्रदेश में लागू
मेहता समिति की कमियों को दूर करने के लिए – 1977 में अशोक मेहता समिति का गठन
द्विस्तरीय पंचायती राज सस्चेना की अनुशंसा की – जिला परिषद् व मंडल पंचायत
कर्नाटक राज्य ने इस व्यवस्था को लागू किया
*पंचायतों के पुनरद्वार व इन्हें नई ऊर्जा प्रदान करने हेतु, भारत सरकार द्वारा नियुक्त की गई समितियाँ *
- हनुमंत राव समिति (1983) –
→ रिपोर्ट प्रस्तुत 1984
→ समिति ने जिला कलेक्टर या मंत्री के अधीन अलग जिला योजना निकासी की वकालत की - अशोक मेहता समिति (1977) –
→ रिपोर्ट प्रस्तुत 1978. - जी.वी. के राव समिति (1985) –
जिले की योजना की बुनियादी इकाई बनाने व नियमित चुनाव कराने की सिफारिश की - एल. एम. सिंघवी समिति (1986) –
→ पंचायतों को सशक्त करने के लिए संवैधानिक दर्जा प्रदान करने व आर्थिक वित्तीय संसाधन सौंपने की सिफारिश की - पी. के युगन समिति (1989) –
पंचायती राज्य संस्थाओं पर विचार करने हेतु गठन - हरलाल सिंह खरी समिति (1990)
Note:-
→ 72वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में प्रधानमंत्री PV नरसिम्हा राव के कार्यकाल के दौरान संशोधन प्रस्तुत किया
→ 73 वें व 74 वें संविधान संशोधन की दिसम्बर 1992 में संसद द्वारा पारित
→ 24 अप्रैल 1993 – 73 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम कानून के रूप में
→ 1 जून 1993 – 74 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम कानून के रूप में
🔷 73 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1992
:- संविधान में भाग – 9 व अनुसूची 11 वीं जोड़ी गई
:- पंचायत राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा
:- पंचायत राज व्यवस्था में 29 विषय निर्धारित किए गए
:- संविधान के भाग -9 के अनुच्छेद 243(A) से 243 (0) तक पंचायों से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख किया गया
🔷 हरियाणा पंचायती राज
:- हरियाणा पंचायती राज Act – 1994 (लागू – 22 अप्रैल 1994 )
:- हरियाणा पंचायती राज चुनाव नियम – 24 अगस्त 1994
:- हरियाणा पंचायती नियम 1995 – 16 फरवरी 1995 को अधिसूचित
:- हरियावा पंचायती राज वित्त बजट | लेखा | कराधान व कार्य नियम 1996 – 14 अगस्त 1996 को अधिचित
🔷 प्रशासनिक इकाईयाँ 🔷
🔷 डिवीजन मंडल ( मुखिया आयुक्त या कमिश्नर) -6 (करनाल व फरीदाबाद नए मंडल)
घोषणा – जनवरी 2017
हरियाणा मंत्री मंडल की मंजूरी – 2 Feb 2017
🔷 जिले – 22 (मुखिया उपायुक्त या डिप्टी कमिश्नर)
🔷 उपमंडल या सब डिवीजन-74 (62+10+2)
मुख्यिा – (SDM)
अम्बाला कैट + बाढ़डा + बड़खल + नारनौंद + बावली + उचाना + घरौंडा + रादौर + पुन्धना + कालोवाली ) – 2016
→ वर्ष 2017 मे तावडू (नहँ)
→ वर्ष 2018 में लाडवा (कुरुक्षेत्र)
🔷 तहसील – 83+10
मुखिया – तहसीलदार
अंबाला कैंट + बड़खल + बास + उचाना + अलेवा + लाडवा + रायपुररानी + मतलौडा + बादली + कालांवाली)
Note:- तहसीलदार की सहायता के लिए निम्न राजस्व कर्मचारी उपलब्ध :
1) दफतर कानूनगो
2) सहायक दफ्तर कानूनगो
3) फिल्ड कानूनगो
4) पेशी कानूनगो
5) कृषि कानूनगो
6) पटवारी
🔷 उप तहसील –
खिजराबाद + पाल्हावास (रेवाड़ी) + खेड़ी जालब
ब्लॉक / खण्ड – 142 (126+14+2)
वर्ष 2016 – बदली + उचाना + मुणक + कुंजपुरा + पिपली + पिनगवा + डहीना + बड़ौनी + पलवल + खिजराबाद + नागपुर + ढांड + तिगांव + इंद्री
वर्ष 2019 – धारूहेड़ा
वर्ष 2020 – मधरौली (झज्जर)
🔷 जिला परिषद या जिला पंचायत – 21
🔷 पंचायत समिति -126
सबसे ज्यादा -सोनीपत (8)
सबसे कम – फरीदाबाद (2)
🔷 विकास एवं पंचायत विभाग के अनुसार – कुलगाव → 7030 व ग्राम पंचायते -6234
यमुनानगर -490
कैथल -280
कुरुक्षेत्र – 404
पलवल – 263
अम्बाला – 400
रेवाड़ी – 365
फतेहाबाद -260
झज्जर – 247
करनाल – 395
पानीपत – 178
महेंद्रगढ़ – 343
रोहतक -142
सोनीपत – 341
पंचकुला -135
सिरला – 318
गुडगाव – 166
नहँ – 325
चरखी दावरी -167
भिवानी -312
हिसार – 303
फरीदाबाद – 100
जींद – 300
🔷 विकास एवं पंचायत विभाग :
विकास एवं पंचायत मंत्री – दुष्यंत चौटाला
Additional Chief Secretary, विकास एवं पंचायत – श्री अमित झा
Director General रमेश चंद्र विधान
💥 योजनाएँ 💥
1) गावों में विशेष विकास कार्य राज्य योजना –
→ शुरुआत वर्ष मे 2008-09
→ क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर करने हेतु
Note:- इस योजना हेतू वर्ष 2019-20 के लिए 36000 लाख रुपये का बजट प्रावधान
2) स्वच्छ भारत ग्रामीव मिशन – भारत में शुरू 2 अक्टूबर 2014
→ प्रवेश का प्रथम खुले में शौच मुक्त जिला -सिरसा(देश का 19 वाँ जिला) व पंचकूला
→ हरियाणा में स्वच्छ भारत मिशन कार्यक्रम केंद्र व राज्य सरकार के बीच 60:40 अनुपात लागू किया गया
→ मुख्य उद्देश्य – खुले में शौच मुक्त
→ खुले में शौच मुक्त राज्यों में हरियाणा का स्थान – 5 वाँ (सिक्किम – HP – केरल – UK – हरियाणा )
→ गदगी मुक्त भारत – 8-15 अगस्त अभियान के तहत – सबसे ज्यादा OPFप्लस विलेजीज हीने पर – भारत में प्रथम पुरस्कार
→ भारत को खुले में शौच मुक्त करने का लक्ष्य वर्ष – 2019 व हरियाणा सरकार द्वारा लक्ष्य वर्ष 2017 तक
→ हरियाणा को 22 जून 2017 की OPF प्लस राज्य का दर्जा प्राप्त
→ स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2019 रैंकिंग में भारत में हरियाणा का स्थान – IInd (हरियाणा के फरीदाबाद को भारत में IInd Rank व रेवाड़ी को IIIrd Rank मिला)
→ प्रदेश का प्रथम खुले में शौच मुक्त गाँव – चकजालू , वर्ष 2019 = सिरसा
→ स्वच्छ सुंदर सामुदायिक शौचालय श्रेणी में तीसरा स्थान
3) ग्राम सचिवालयों की स्थापना :-
→ ग्राम पंचायतों को संस्थागत बनाने व उनके कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए विकास एवं पंचायत विभाग ने वर्ष 2015-16 के दौरान ग्राम सचिवालय स्थापित करने की योजना बनाई थी।
→ प्रदेश में 2294 ग्राम सचिवालय स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया
→ वर्तमान में ग्राम सचिवालय संख्या 1785
→ सबसे ज्यादा – हिसार > सोनीपत
→ सबसे कम – पंचकुला < फरीदाबाद
→ प्रथम ग्राम सचिवालय – हैबतपुर (जींद)(आकृति – अंग्रेजी के अक्षर L जैसी)
🔷 ग्राम सचिवालय स्थापित करने के उद्देश्य:
1) जनता की शिकायतों के समय पर निवारण में मदद लेना
2) ग्राम पंचायतों की उप समितियों को सुदृढ़ करना
3) अभिलेखों की सुरक्षित अभिरवा सुनिश्चित करना
4) ग्राम सभा की अवधारणा को मजबूत करना
5) सार्वजनिक जानकारी का प्रदर्शन
6) ग्राम पंचायत के कामकाज में दक्षता, पारदर्शिता व जवाबदेही लाना
7) ग्राम सभा की बैठक भी ग्राम सचिवालय में
4) ग्राम चौकीदारों को एक समान भत्ता प्रदान करना :
→ राजस्व विभाग, हरियाणा द्वारा वर्ष 1996-97 में गांवों में चौकीदारों की व्यवस्था
→ चौकीदारों की मासिक आय – 3500 /प्रतिमाह
→ Rs.2000/- वर्दी भत्ता व Rs. 750/- लाठी, बैटरी व सीटी प्रति वर्ष प्रदान की जाती
5) स्वर्ण जंयती महाग्राम विकास योजना :- 10000 या इससे अधिक जनसंख्या वाले गावों हेतू
6) दीनबंधु घोराम ग्राम उदय योजना:- वर्ष 2017 में
3000 से अधिक आबादी वाले 1500 गांवों में लागू
7) हरियाणा ग्रामीण विकास योजना :- समाज कल्याण विभाग द्वारा 1970-71 में
→ समाज कल्याण विभाग द्वारा इसे 1991-92 में विकास एवं पंचायत विभाग को हस्तारित किया गया ।
→ वर्ष 2020-21 में विशेष विकास कार्य योजना को हरियाणा ग्रामीण विकास योजना में शामिल किया गया ।
8) मिलान अनुदान योजना :- ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से योजना की शुरुआत 1979-80 में
9) महात्मा गाँधी ग्रामीण बस्ती योजना :- 2 Oct 2008 को लागू
→ SC – BC(A) व BPL परिवारों हेतु बिजली आपूर्ति, पेयजल व पक्की सड़कों हेतु बुनियादी विकास करना
10) राजस्व अर्जन योजना (Revenue Earning Scheme):- ग्राम पंचायत/पंचायत समितियों की वित्तिय स्थिति को बढ़ाने और पंचायती/पंचायत समितियों के लाभ के लिए अपने अपने क्षेत्र में विकास कार्यों को शुरू करने में सक्षम बनाने के लिए योजना 1957-58 से जारी
→ इस योजना के तहत पंचायती/पंचायत समितियों को ट्यूबॉल की स्थापना, शामलात भूमि पर पम्पिंग सैट , बस स्टैंड पर दुकानों के निर्माण, स्टाफ क्वार्टर के निर्माण आदि के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता है
→ ऋण 30 वार्षिक किश्तों में वसूली योग्य
11) प्रियदर्शनी आवास योजना :- इंदिरा गांधी आवास योजना की तर्ज पर 8 जून 2013 को शुरू की गई, शुरुआत करनाल से
→ गरीब परिवार को घर व शौचालय निर्माण हेतु 93000 रुपये की राशि का प्रावधान
12) ग्राम पंचायतों को सर्वसहमति से चुनाव कराने के लिए प्रोत्साहन :- शुरुआत 2015-16 के पंचायती राज चुनाव से
→ संपूर्ण ग्राम पंचायत सर्वसहमति से – 11 लाख सम्मे
→ सरपंच का चुनाव सर्वसहमति – 5 लाख रुपये
→ पंच का चुनाव सर्वसहमति – 50000 प्रतिपंच
→ प्रत्येक जिला परिषद के सदस्य सर्वसहमति – 5 लाख रुपये
→ पंचायत समिति के प्रत्येक सदस्य सर्वसहमति- 2 लाख रुपये
13) 7 स्टार ग्राम पंचायत इंद्रधनुष या रेनबो योजना :- शुरुआत 26 जनवरी 2018
→ पर्यावरण सुरवा हेतु – ग्रीन स्टार
→ स्वच्छता हेतू – व्हाइट स्टार
→ अपराध मुक्त ग्राम पंचायत हेतु – केसरिया स्टार
→ सुशासन हेतु – गोल्ड स्टार
→ लिंग अनुपात सुधार हेतु – पिंक स्टार
→ बच्चों को शिक्षित करने हेतु – आसमानी रंग स्टार
→ गांव के लोगों का विकास गतिविधी में भाग लेने हेतु – सिल्वर कलर
Note- प्रत्येक स्टार पर प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम पंचायत को 1 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि
14) सांसद आदर्श ग्राम योजना :- 11 अक्टूबर 2014 – लोकनायक जय प्रकाश नारायण के जन्म पर
🔷 17 वीं लोकसभा के हरियाणा से सांसदों द्वारा गोद लिए गए गाँव
→ धर्मबीर – बसई (महेंद्रग)
→ राव इंद्रजीत – गोकलगढ़ (रेवाड़ी)
→ डॉ० डी०पी वत्स – कुंभा (हिसार)
→ नायब सिंह सैनी – गुमथला, धुराला, रामशरण माजरा (कुरुक्षेत्र)
→ रमेश चंद्र कौशिक – नाहरी गाँव (सोनीपत)
15) विधायक आदर्श ग्राम योजना :
→ हरियाणा में अब सांसद-विधायकों की तर्ज पर अफसरों को भी गांव गोद लेने होंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल हरियाणा दिवस पर ग्राम पंचायत संरक्षक योजना लांच करेंगे। इसीलिए सांसद आदर्श ग्राम योजना और विधायक आदर्श ग्राम योजना लागू की गई थी।
16) प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना – 2009-10 में
सबसे पहले यह योजना राज्य असम, बिहार, HP, राजस्थान व तमिलनाडु में शुरू
17) प्रदेश में ई-पंचायत सवाद सेवा – 26 अप्रैल 2015
🔷 हरियाणा पंचायती राज Act – 1994 🔷
→ इस एक्ट से पहले प्रदेश में पंजाब ग्राम पंचायत एक्ट -1952 व पंचायत समिति एक्ट 1961 लागू था → इन दोनों एक्टों को मिलाकर पंचायती राज एक्ट 1994 लागू हुआ।
→ इस पंचायत एक्ट के तहत प्रथम चुनाव दिसम्बर 1994 (CM-भजनलाल के समय)
→ 1994 के प्रथम चुनाव के दौरान -16 जिला परिषद् + 110 पंचायत समिति व 5958 पंचायतें
पंजाब पंचायत एक्ट – 1952
पंचायत का कार्यकाल – 3 वर्ष
सरपंच का चुनाव – पंच मिलकर
पंचों के द्वारा सरपंच के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाकर उसे हटाया जा सकता था।
SC/ST वर्ग से पंचायत में 1 पंच का होना जरूरी
महिलाओं के लिए कोई कोटा नहीं
आचार सहिंता व वार्ड का कोई प्रावधान नहीं
प्रथम संशोधन 1963 –
कार्यकाल -5 वर्ष
सरपंच का चुनाव – ग्रामीण मतदाताओं को
दुसरा संशोधन 1971 –
कार्यकाल – 5 वर्ष
सरपंच का चुनाव – वापिस पंचों को दिया गया
तीसरा संशोधन 1978 –
सरपंच चुनने का अधिकार वापिस मतदाताओं को
1 महिला सीट अनिवार्य की गई
चौथा संशोधन 1991 –
कार्यकाल 5 वर्ष घटाकर 3 वर्ष किया गया
महत्वपूर्ण प्रश्न:-
→ 6 स्टार प्राप्त करने वाला प्रथम गाँव – वजीरपुर (गुरुग्राम) – 2019 में
→ प्रदेश का सबसे अमीर गाँव – वजीराबाद
→ प्रदेश का प्रथम Wi-fi हॉट स्पॉट गाँव – गुमथला गढ़ू (कुरुक्षेत्र) 2016 में उद्घाटन चण्डीगढ़ से खट्टर द्वारा
→ पूर्व रूप से प्रथम wifi गाँव – जुगलान (वर्ष 2017)
→ अमर शहीदों का गाँव – तिगाँव (प्रथम विश्व युद्ध में 37- वीरों की शहादत के कारण) – कुल सैनिकों ने भाग लिया -185
→ प्रदेश का प्रथम डिजीटल गाँव – गुरावड़ा (रेवाड़ी) → वर्ष 2019 में केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा
→ प्रतिदिन सुबह दिन की शुरुआत राष्ट्रगान से करने वाला गाँव भनकपुर गाँव (फरीदाबाद ) – वर्ष 2018 में देश का दूसरा गाँव देश का प्रथम – जम्मीकुंटा (तेलंगाना)
→ प्रथम लाल डोरा मुक्त गाव – सिरसी (करनाल) – 26 जनवरी 2020
→ प्रदेश का प्रथम खुले में शौच मुक्त गाँव – चकजालू (सिरसा)
पंचायती राज से संबन्धित महत्वपूर्ण जानकारी
भारत में पंचायती राज का उदय बलवंतराय मेहता समिति की सिफारिसों के आधार पर हुआ था।
संविधान के भाग-4 में ग्राम पंचायतों की स्थापना की बात कही गई है
73वें संविधान संशोधन के अनुसार पंचायती राज संस्था का कार्यकाल कितने वर्ष रखा गया है? – 5 वर्ष
भारत में पंचायती राज अधिनियम कब लागू हुआ? – 24 अप्रैल, 1993
पंचायती राज प्रणाली में ग्राम पंचायत का गठन होता है – ग्राम स्तर पर
भारत में पंचायती राज व्यवस्था सर्वप्रथम राजस्थान और आंध्रप्रदेश में आरम्भ की गई।
पंचायती राज प्रणाली सत्ता के विकेन्द्रीयकरण पर पर आधारित है।
पंचायत समिति का मुख्य निष्पादक खण्ड विकास पदाधिकारी होता है।
एक विकास खण्ड पर पंयायत समिति एक प्रशासकीय अधिकरण होती है।
पंचायती राज का प्रधान लक्ष्य है – ग्रामवासियों में शक्ति का विकेन्द्रीकरण
पंचायती राज प्रदान करता है – स्थानीय स्तर पर लोकतांत्रिक प्रशासन
पंचायत समिति का गठन होता है – प्रखंड स्तर पर
पंचायत समिति के प्रशासन का प्रबन्ध एक सरकारी अधिकारी करता है – खण्ड विकास पदाधिकारी
पंचायती राज संस्थान के अधिकतम आय का स्त्रोत है – सरकारी अनुदान
पंचायती राज को राज्य के नीति-निर्देशक तत्व के अन्तर्गत स्वशासन की इकाई के रूप में संगठित किया गया।
पंचायती राज का मुख्य उद्देश्य है – जनता को विकासमूलक प्रशासन में भागीदारी योग्य बनाना
ग्राम सभा पंचायती राज की आधारशिला है।
ग्राम पंचायत का निर्वाचन कराना निर्भर करता है – राज्य सरकार
पंचायती राज की मुख्य उपलब्धि है – राजनीतिक चेतना का विकास
पंचायती राज विषय है – राज्य सूची में
भारत में पंचायती राज का प्रारम्भ किया गया – 1959
73वें संविधान संशोधन के अनुसार पंचायती राज संस्थाओं में अध्यक्ष के कम-से-कम कितने पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं – एक-तिहाई
सामान्यतः पंचायत समिति में कितने प्रकार के सदस्य होते हैं – पदेन सदस्य, सहयोग सदस्य, सहयोजित सदस्य
पंचायती राज प्रणाली कहाँ नहीं है – अरुणाचल प्रदेश
पंचायतों में महिलाओं के लिए स्थान आरक्षित करने को दृष्टि से संविधान में संशोधन करने का सर्वप्रथम बीड़ा किसने उठाया – राजीव गांधी ने
73वें संविधान संशोधन द्वारा पंचायती राज संस्थाओं के लिए किस तरह के चुनाव का प्रावधान किया गया है? – प्रत्यक्ष एवं गुप्त मतदान
हरियाणा में पंचायती राज का मध्य स्तर है। – पंचायत समिति
____ ग्राम पंचायत के प्रमुख है। – सरपंच
हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसने पंचायती राज संस्थाओं का स्वरूप बदलने के साथ-साथ शक्तियों का विकेंद्रीकरण करने के लिए अंतर जिला परिषद गठित की।
पंचायत चुनाव में भाग लेने के लिए न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए? – 21 वर्ष
हरियाणा में ई-पंचायत संवाद सेवा शुरू हुई – 26 अप्रैल 2015 को
पंचायत चुनाव के लिए शिक्षा संबन्धित लागू करने वाला कौन सा राज्य है ? – राजस्थान के बाद हरियाणा दूसरा राज्य
पंचायती राज व्यव्स्थ्ता का वास्तुकार व शिल्पकार – बलवंत राय मेहता
बलवंत राय मेहता कमेटी, 1957 में व 1958 में रिपोर्ट में सौंपी।
दूसरा – आंध्रप्रदेश (9 अक्तूबर 1959), असम, तमिलनाडू, कर्नाटक – 1960
अशोक मेहता कमेटी – 1977 में गठित, (1978 में रिपोर्ट सौपी)
दो स्तरीय : जिला परिषद, मण्डल पंचायत
कार्यकाल – 4 वर्ष
पंचायती राज वित्त निगम की स्थापना
73वां संविधान संशोधन 1992 – गाँव स्तर पर, संविधान के अनुसूची 12, भाग 9 व 29 विषयों को जोड़ा गया।
73वां संशोधन कहाँ-कहाँ पर लागू नहीं है – मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर, दार्जिलिंग, जम्मू-कश्मीर
74वां संविधान संशोधन 1992 – शहरी स्तर पर, संविधान के अनुसूची 12, भाग 9 क, व 18 विषयों को जोड़ा गया।
पंचायती राज दिवस कब मनाया जाता है – 24 अप्रैल को, (24 अप्रैल 1993 से पूरे देश में पंचायती राज लागू किया गया था)
भारत के किन राज्य/राज्यों में पंचायती राज व्यव्स्थ्ता लागू नहीं है – मेघालय, मिजोरम, नागालैंड
एक स्तरीय पंचायती राज व्यव्स्था किन राज्यों में लागू है – केरल, त्रिपुरा, मणिपुर, सिक्किम, जम्मू-कश्मीर
चार स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था किस राज्य में लागू है – पश्चिमी बंगाल
अरुणाचल प्रदेश ऐसा राज्य है जहां पर अल्प संख्यकों के लिए पंचायत में आरक्षण लागू है।
केरल ऐसा राज्य है जहां पर MP व MLA को पंचायती राज संस्था में पदेन सदस्यता नहीं दी गई है।
पंचायती राज मंत्रालय कब बनाया गया – 2004 में
पंचायती राज से संबन्धित सामामयिक प्रश्न –
प्रश्न :- वर्ष 2016-2017 में राज्य वित्त आयोग पुरस्कार एवं सामुदायिक विकास के अंतर्गत ग्रामीण विकास क्षेत्र को गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम व पंचायती राज संस्थाओ को कितनी परिवय्य राशि आबंटित की है?
उत्तर – 12 करोड़
प्रश्न :- पंचायत चुनाव में भाग लेने के लिए महिलाओं और अनुसूचित जाति के प्रत्याशी के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता क्या निर्धारित की गयी है?
उत्तर – आठवीं पास
किस राज्य में पंचायत चुनाव में प्रत्याशी के लिए घर में शौचालय अनिवार्य किया गया है?
उत्तर – हरियाणा
प्रश्न :- वर्ष 2019 के ताजा आंकड़ो के अनुसार हरियाणा की कितनी ग्राम पंचायतों में वाईफाई जोन हैं?
उत्तर – 176 ग्राम पंचायत। (वर्ष 2019 तक हरियाणा की सभी 6078 ग्राम पंचायतों को Wi-Fi जोन बनाए जाने का लक्ष्य था लेकिन अभी तक केवल 176 ग्राम पंचायतों को ही Wi-Fi ज़ोन में शामिल किया गया है। यह कार्य Haryana Information Technology (IT) and Electronic System Design and Manufacturing (ESDM) Policy के द्वारा किया जा रहा है)
प्रश्न :- अगस्त 2019 में 7-स्टार इन्द्रधनुष योजना के तहत प्रदेश की 5 व 6-स्टार रेटिंग से कितनी पंचायतों को सम्मानित किया गया?
उत्तर – 78 पंचायतों
Important Haryana Panchayati Raj की धारा
हरियाणा पंचायती राज के तहत 280 धाराए है और कुल 21 Chapter अध्याय है
ग्राम पंचायत की धाराएं, धारा 7 से धारा 54 तक है और अध्याय 3 से अध्याय 6 तक में है
पंचायत समिति की धाराएं, धारा 55 से धारा 116 तक है और अध्याय 7 से अध्याय 12 तक में है
जिला परिषद् की धाराएं, धारा 117 से धारा 160 तक है और अध्याय 13 से अध्याय 18 तक में है
हम उन महत्वपूर्ण धाराओं को पढ़ेंगे जो धाराएं तीनो में (ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, जिला परिषद्) कॉमन है
1) ग्राम पंचायत की Committee की बात किस धारा में की गयी है – धारा 22 में
पंचायत समिति की Committee की बात किस धारा में की गयी है – धारा 83 में
जिला परिषद् की Committee की बात किस धारा में की गयी है – धारा 139 में
2) ग्राम पंचायत के Fund की बात किस धारा में की गयी है – धारा 39 में
पंचायत के Fund की बात किस धारा में की गयी है – धारा 98 में
जिला परिषद् के Fund की बात किस धारा में की गयी है – धारा 145 में
3) ग्राम पंचायत को भंग करने की बात किस धारा में की गयी है – धारा 52 में
पंचायत समिति को भंग करने की बात किस धारा में की गयी है – धारा 110 में
जिला परिषद् को भंग करने की बात किस धारा में की गयी है – धारा 158 में
4) ग्राम पंचायत के सरपंच के कार्यकाल की बात किस धारा में की गयी है – धारा 10 में
पंचायत समिति के Chairman के कार्यकाल की बात किस धारा में की गयी है – धारा 62 में
जिला परिषद् के President के कार्यकाल की बात किस धारा में की गयी है – धारा 123 में
5) ग्राम पंचायत के नियंत्रण से संबंधित बात कौन कौन सी धारा में हुई है – धारा 46-54 तक
पंचायत समिति के नियंत्रण से संबंधित बात कौन कौन सी धारा में हुई है – धारा 106-116 तक
जिला परिषद् के नियंत्रण से संबंधित बात कौन कौन सी धारा में हुई है – धारा 155-160 तक
6) ग्राम पंचायत में मेंबर को हटाने के लिए Right to Recall का जिक्र किस धारा में हुआ है – धारा 10 में
पंचायत समिति में मेंबर को हटाने के लिए Right to Recall का जिक्र किस धारा में हुआ है – धारा 62A में
जिला परिषद् में मेंबर को हटाने के लिए Right to Recall का जिक्र किस धारा में हुआ है – धारा 123A में
7) ग्राम पंचायत में Tax लगाने की शक्ति की बात किस धारा के तहत हुई है – धारा 41 में
पंचायत समिति में Tax लगाने की शक्ति की बात किस धारा के तहत हुई है – धारा 88 में
जिला परिषद् में Tax लगाने की शक्ति की बात किस धारा के तहत हुई है – धारा 147 में
8) ग्राम पंचायत के कार्य और कर्तव्य की बात किस धारा में हुई है – धारा 21 में
पंचायत समिति के कार्य और कर्तव्य की बात किस धारा में हुई है – धारा 75 में
जिला परिषद् के कार्य और कर्तव्य की बात किस धारा में हुई है – धारा 137 में
9) ग्राम पंचायत में आरक्षित सीट की बात कौनसी धारा के तहत हुई है – धारा 9 के
पंचायत समिति में आरक्षित सीट की बात कौनसी धारा के तहत हुई है – धारा 59 के
जिला परिषद् में आरक्षित सीट की बात कौनसी धारा के तहत हुई है – धारा 120 के
10) ग्राम पंचायत के गठन की बात किस धारा में हुई है – धारा 7 में
पंचायत समिति के गठन की बात किस धारा में हुई है – धारा 56 में
जिला परिषद् के गठन की बात किस धारा में हुई है – धारा 117 में
11) ग्राम पंचायत की पहली बैठक की बात किस धारा में हुई है – धारा 11 में
पंचायत समिति की पहली बैठक की बात किस धारा में हुई है – धारा 60 में
जिला परिषद् की पहली बैठक की बात किस धारा में हुई है – धारा 121 में
12) ग्राम पंचायत के कोरम की बात किस धारा में हुई है – धारा 13 में
पंचायत समिति के कोरम की बात किस धारा में हुई है – धारा 68 में
जिला परिषद् के कोरम की बात किस धारा में हुई है – धारा 128 में
13) ग्राम पंचायत की 1 साल में कम से कम कितनी बैठक होनी चाहिए – 3 बैठक
पंचायत समिति की 1 साल में कम से कम कितनी बैठक होनी चाहिए – 6 बैठक
जिला परिषद् की 1 साल में कम से कम कितनी बैठक होनी चाहिए – 6 बैठक
14) ग्राम पंचायत के बजट की बात किस धारा में हुई है – धारा 43 में
पंचायत समिति के बजट की बात किस धारा में हुई है – धारा 102 में
जिला परिषद् के बजट की बात किस धारा में हुई है – धारा 152 में
15) ग्राम पंचायत में सदस्यों की कितनी संख्या हो सकती है – कम से कम 6 और ज्यादा से ज्यादा 20
पंचायत समिति में सदस्यों की कितनी संख्या हो सकती है – कम से कम 10 और ज्यादा से ज्यादा 30
जिला परिषद् में सदस्यों की कितनी संख्या हो सकती है – कम से कम 10 और ज्यादा से ज्यादा 30
16) ग्राम पंचायत के कार्य या प्रस्ताव को सस्पेंड करने की बात कौनसी धारा में हुई है – धारा 47 में
पंचायत समिति के कार्य या प्रस्ताव को सस्पेंड करने की बात कौनसी धारा में हुई है – धारा 108 में
जिला परिषद् के कार्य या प्रस्ताव को सस्पेंड करने की बात कौनसी धारा में हुई है – धारा 159 में
17) ग्राम पंचायत में किस धारा के तहत चुने हुए सदस्यों की संख्या निर्धारित की गयी है – धारा 8 के तहत
पंचायत समिति में किस धारा के तहत चुने हुए सदस्यों की संख्या निर्धारित की गयी है – धारा 58 के तहत
जिला परिषद् में किस धारा के तहत चुने हुए सदस्यों की संख्या निर्धारित की गयी है – धारा 119 के तहत
कुछ धाराएं ऐसी है जो सिर्फ पंचायत समिति और जिला परिषद् में कॉमन या सामान है उनके बारे में भी पढ़ लेते है
18) पंचायत समिति की साधारण और विशेष बैठक का जिक्र किस धारा में हुआ है – धारा 67 में
जिला परिषद् की साधारण और विशेष बैठक का जिक्र किस धारा में हुआ है – धारा 127 में
19)पंचायत समिति में फण्ड के प्रयोग की बात किस धारा के तहत हुई है – धारा 100 के तहत
जिला परिषद् में फण्ड के प्रयोग की बात किस धारा के तहत हुई है – धारा 146 के तहत
20) पंचायत समिति की संरचना की बात किस धारा के तहत हुई है – धारा 57 के तहत
जिला परिषद् की संरचना की बात किस धारा के तहत हुई है – धारा 118 के तहत
21) पंचायत समिति की बैठक का जिक्र किस धारा के तहत किया गया है – धारा 66 के तहत
जिला परिषद् की बैठक का जिक्र किस धारा के तहत किया गया है – धारा 126 के तहत
त्रिस्तरीय पंचायती राज क्या है?
वर्ष 1993 में 73वें व 74वें संविधान संशोधन के माध्यम से भारत में त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ। त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम पंचायत (ग्राम स्तर पर), पंचायत समिति (मध्यवर्ती स्तर पर) और ज़िला परिषद (ज़िला स्तर पर) शामिल हैं।
हरियाणा में कौन सा पंचायती राज है?
हरियाणा राज्य 1 नवंबर, 1966 को अस्तित्व में आया और पंजाब ग्राम पंचायत अधिनियम, 1952 हरियाणा में पीआरआई (PRIs) के लिए लागू किया गया। 73 वें संवैधानिक संशोधन के बाद, ‘हरियाणा पंचायती राज अधिनियम-1994’ को 1992 में बनाया गया था, जो 22 अप्रैल, 1994 में लागू हुआ।
हरियाणा में पंचायती राज कब लागू किया गया?
असल में 1994 से पहले प्रदेश में पंजाब ग्राम पंचायत एक्ट-1952 और पंजाब पंचायत समिति एक्ट-1961 लागू था। 1994 में इन दोनों एक्ट को मिलाकर हरियाणा पंचायती राज एक्ट-1994 लागू हुआ।
हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 164 से कौन सा प्रावधान संबंधित है?
मतदाताओं की सूची तैयार करना है। हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 164 मतदाताओं की सूची तैयार करने से संबंधित है।
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Nice sir ….
nice sir