Diwali Shubh Muhurat 2023 दीपावली 12 नवंबर 2023 को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त, यहां से देखें

Diwali Shubh Muhurat 2023: दीपावली इस वर्ष 12 नवंबर 2023 को मनाई जा रही है। दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है? दीपावली पर लक्ष्मी पूजा के लिए 6 शुभ मुहूर्त है। जो दोपहर सभा 1:15 बजे से रात 2:32 बजे तक रहेंगे। इसमें आप अपने घर, दुकान, ऑफिस या कंपनी के हिसाब से मुहूर्त देख सकते हैं। Diwali Shubh Muhurat 2023, पूजन सामग्री, पूजन विधि सभी जानकारी नीचे उपलब्ध करवा दी है।

Diwali Shubh Muhurat 2023
Diwali Shubh Muhurat 2023 दीपावली 12 नवंबर 2023 को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त, यहां से देखें 2

दीपावली त्यौहार का हिंदू धर्म में खास महत्व है। इस दिन भगवान श्री राम, माता सीता और भ्राता लक्ष्मण 14 वर्ष का वनवास पूरा करके अपने घर अयोध्या लौटे थे। इस खुशी में अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था, तभी से दीपों के कारण दीपावली मनाया जाने लगा। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस दिन घरों की सफाई और सजावट करके दीपक जलाए जाते हैं, घरों में रोशनी की जाती है एवं माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

Diwali Shubh Muhurat 2023 (दीपावली लक्ष्मी पूजा मुहूर्त)

इस वर्ष 10 नवंबर को धनतेरस मनाई जा रही है। इसके बाद 11 नवंबर को छोटी दीपावली और 12 नवंबर को बड़ी दीपावली मनाई जाएगी। इस बार गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को और भाई दूज का त्योहार 15 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा। दीपावली 12 नवंबर 2023 को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त यहां बता रहे हैं। दीपावली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर 2023 को शाम 5:40 से रात 8:16 तक है।

  • सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त: शाम 5:40 से रात 8:16 तक
  • घर में पूजा के लिए: शाम 5:41 से रात 8:57 तक
  • दुकान, ऑफिस एवं कारखानों के लिए: दोपहर 1:15 से दोपहर 2:58 तक, शाम 5:41 से रात 8:57 तक

Diwali Pujan Samagri List (दिवाली पूजा सामग्री)

दीपावली के दिन मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मां लक्ष्मी की पूजा से धन तथा ऐश्वर्य मिलता है। भगवान गणपति को प्रथम पूजनीय माना जाता है। दिवाली के दिन गणपति के पूजन से मन और मस्तिष्क को शांति मिलती है एवं बुद्धि के देवता अपने भक्तों को सद्बुद्धि का वरदान देते हैं। Diwali Shubh Muhurat 2023 ऊपर उपलब्ध करवा दिया है। दीपावली शुभ मुहूर्त 2023 के अनुसार विधिवत पूजा करने पर धन, ऐश्वर्य, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। Diwali 2023 Puja Samagri List इस प्रकार है।

  • एक चौकी
  • लाल कपड़ा
  • भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की प्रतिमा या फोटो
  • सुपारी
  • लौंग
  • इलायची
  • अक्षत यानी साबुत चावल के दानें
  • एक तांबे या पीतल का कलश
  • दो नारियल
  • 2 बड़े दीपक
  • 11 छोटे दीपक
  • आम के पत्ते
  • पान के पत्ते
  • कुमकुम
  • हल्दी
  • दूर्वा
  • मौली
  • घी
  • जल पात्र
  • गंगाजल
  • पुष्प
  • कमल का फूल
  • मीठे बताशे
  • खील
  • मिठाई
  • फल
  • पकवान
  • सरसों का तेल
  • दीये की बाती
  • धूप
  • अगरबत्ती
  • मेवे

लक्ष्मी पूजा विधि (Lakshmi Puja Vidhi)

  • दीपावली पर मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है। इनके साथ माता सरस्वती और कुबेर देव की भी पूजा करें।
  • सबसे पहले पूजा के लिए पूजा स्थान को साफ करें और एक चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं।
  • फिर इस चौकी पर बीच में मुट्ठी भर अनाज रखें, कलश को अनाज के बीच में रखें।
  • कलश में पानी भरकर एक सुपारी, गेंदे का फूल, एक सिक्का एवं कुछ चावल के दाने डाल दें।
  • कलश पर पांच आम के पत्ते गोलाकार आकार में रखें।
  • माता लक्ष्मी की मूर्ति बीच में और कलश के दाएं ओर भगवान गणेश की मूर्ति रखें।
  • भगवान गणेश, माता लक्ष्मी एवं सरस्वती, कुबेर देव को तिलक करें और दीपक जलाएं। कलश पर भी तिलक लगाए।
  • भगवान गणेश और लक्ष्मी को फूल चढ़ाएं। उसके बाद पूजा के लिए अपनी हथेली में कुछ फूल रखें।
  • लक्ष्मी जी की मूर्ति लें और पंचामृत से स्नान कराएं। फिर पानी से स्नान करा कर और साफ कपड़े से पोछें।
  • मूर्ति पर हल्दी, कुमकुम और चावल डालें, माता को माला पहनाए और अगरबत्ती जलाएं।
  • नारियल, सुपारी, पान का पत्ता माता को अर्पित करें।
  • घर के अंदर और बाहर मिट्टी के दीपक जलाएं। घर के प्रत्येक कोने में रोशनी रखें। दीपावली पर आंगन, दरवाजे और खिड़कियों पर फूलों की माला लगा सकते हैं।
  • पूजा करते समय घी और तेल दोनों के दीपक जलाए जाते हैं।
  • भगवान के दाहिने हाथ यानी आपके बाएं हाथ की तरफ घी का दीपक और आपके दाहिने हाथ की ओर तेल का दीपक जलाएं।
  • थाली में दिया लें, पूजा की घंटी बजाएं और गणेश एवं लक्ष्मी जी की आरती करें।
  • भोग लगाने के लिए फल, मिष्ठान आदि रखें। पूजा के लिए रुपए या सिक्के आदि रख सकते हैं।

श्री गणेश आरती (Shri Ganesh Aarti)

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

— Additional —
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

लक्ष्मीजी आरती (Laxmi Mata Aarti)

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

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