Home

eBook

Join Telegram

Join WhatsApp

Haryana ke Pramukh Mele (हरियाणा के प्रमुख मेले)

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

आज की हमारी यह पोस्ट हरियाणा जी.के से सन्बन्धित है , इस पोस्ट में हम आपको हरियाणा के जिलेवार प्रसिद्ध मेले व उत्सव उपलब्ध कराऐंगे । जो कि आपको आने वाले ग्राम सचिव , पटवारी, कैनाल पटवारी , हरियाणा पुलिस , क्लर्क , हरियाणा ग्रुप डी , हरियाणा पात्रता व अन्य सभी प्रकार की परीक्षा के लिए बहुत ही उपयोगी हैै।

अभी हमारे पास हरियाणा जी.के बिषय से सन्बन्धित जितनी PDF हैं वो सभी पोस्ट के माध्यम से आपको उपलब्ध करा रहे है । और आगे जितनी भी हरियाणा जी.के से सन्बन्धित PDF और Latest update पोस्ट के लिए आप सभी हमारी वेबसाइट को subscribe कीजिये और अधिक जानकारी के लिए आप सभी हमारे सोशल प्लेटफॉर्म को फॉलो करे |

हरियाणा जी.के के अलावा अन्य सभी बिषयों की PDF से संबंधित पोस्ट भी हमारी इस बेबसाइट पर उपलब्ध हैं, तो आप इस बेबसाइट को Regularly Visit करते रहिये ! कृपया कमेन्ट के माध्यम से जरूर बतायें कि आपको कौन से बिषय पर PDF चाहिये ।

अंबाला

• तीज का मेला — श्रावण महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया को यह मेला अंबाला जिले के पंजोंखड़ा नामक स्थान पर आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर भाइयों द्वारा बहनों को कोथली नामक उपहार दिया जाता है।

• वामन द्वादशी का मेला — भाद्रपद महीने में द्वादशी के दिन यह मेला अंबाला जिले में लगता है।

• शारदा देवी का मेला — यह मेला चैत्र महीने में अंबाला जिले के त्रिलोकपुर में आयोजित किया जाता है।

• गोगा नवमी का मेला — भाद्रपद के महीने में यह मेला केसरी नामक स्थान पर लगता है।

पंचकूला

• काली माई का मेला — पंचकूला जिले के कालका नामक स्थान पर इस मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें लाखों लोग आते है। चैत्र और आश्विन महीने में नवरात्रों में यहां उत्सव मनाया जाता है।

कैथल

• फल्गु का मेला — कैथल जिले के फरल गांव में इस मेले का आयोजन होता है।

• पुंडरक का मेला — इस मेले का आयोजन पुंडरीक कस्बे में किया जाता है।

• बावन द्वादशी मेला — इस मेले का आयोजन कैथल में भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की द्वादशी को होता है।

• देहाती मेला — अक्टूबर महीने में इस मेले का आयोजन कैथल जिले के लुदाना में किया जाता है। यह मेला आम लोगों के बीच अधिक लोकप्रिय है। इस मेले में लोगों द्वारा परंपरागत लोक नृत्य किया जाता है।

कुरुक्षेत्र

• सूर्य ग्रहण स्नान — कुरुक्षेत्र जिले में सूर्य ग्रहण के दिन लगने वाला यह मेला पूरे भारत में प्रसिद्ध है। यहां श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और स्नान कर धर्म अनुष्ठान आयोजित करते हैं।

• पेहोवा का मेला — मार्च के महीने में यह मेला पेहोवा में आयोजित होता है यह स्थान सोमवती अमावस्या का उत्सव आयोजित करने के लिए प्रसिद्ध है।

• देवी का मेला — अप्रैल महीने में यह मेला कुरुक्षेत्र के शाहबाद नामक स्थान पर लगता है।

• मारकंडा का मेला — यह मेला कुरुक्षेत्र के शाहबाद नामक स्थान पर लगता है। इस स्थान को मार्कंडेय ऋषि का आश्रम माना जाता है।

• बैसाखी का मेला — यह मेला प्रतिवर्ष 13 अप्रैल को बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ आयोजित किया जाता है।

करनाल

• बाबा सिमरन दास का मेला — यह मेला अक्टूबर महीने में करनाल जिले के इंद्री स्थान पर बाबा सिमरन दास की समाधि पर लगता है।

• देवी का मेला — अप्रैल महीने में यह मेला पटहेडा नामक स्थान पर लगता है।

• छड़ियों का मेला — यह मेला करनाल जिले में अमूपुर नामक स्थान पर लगता है।

• गोगा पीर का मेला — भाद्रपद महीने की नवमी को यह मेला खेड़ा नामक स्थान पर लगता है।

• परासर का मेला — फरवरी महीने में करनाल तरावड़ी नामक स्थान पर परासर का मेला लगता है।

• पांडु का मेला — यह मेला पपहना नामक स्थान पर आयोजित किया जाता है।

सिरसा

• तीजों का मेला — श्रावण महीने में शुक्ल पक्ष की तीज को यह मेला सिरसा जिले में लगता है।

• बाबा सर साईं नाथ का मेला — यह मिला सिरसा में चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष की प्रथमा को लगता है।

• बाबा भूमणशाह का मेला — यह मेला मंगाला, मौजदीन ,मल्लेवाला, गीदडावली नामक गांव में संक्रांति के अवसर पर लगता है।

• रामदेव जी का मेला — माघ महीने में शुक्ल पक्ष की दशमी को यह मेला सिरसा के गिरोरानी व कागदाना नामक स्थानों पर लगता है।

• राधा स्वामी का मेला — मार्च तथा सितंबर महीने में यह मेला सिकंदरपुर में लगता है।

• गुरुनानक देव पर्व — सिरवा चोस्मार में अश्विन महीने की पूर्णिमा को आयोजित किया जाता है।

फतेहाबाद

• दशहरे का मेला — इस मेले का आयोजन फतेहाबाद जिले में विजयदशमी के दिन किया जाता है।

हिसार

• नवरात्रि का मेला — चैत्र व अश्विन महीने में यह मेला हिसार जिले के बास व बनभौरी में आयोजित किया जाता है।

• जन्माष्टमी का मेला — इस मेले में श्री कृष्ण जी के साथ-साथ गुरु जंभेश्वर जी का भी जन्म उत्सव मनाया जाता है।

• गोगा नवमी का मेला — भाद्रपद नवमी को यह मेला हिसार में गोगा पीर की स्मृति में लगता है।

• काली देवी का मेला — मई के महीने में यह मेला हिसार के हांसी कस्बे में काली देवी की पूजा के लिए आयोजित किया जाता है।

• शिवजी का मेला — फाल्गुन महीने में यह मेला हिसार के सिसवाल एवं किरमारा में आयोजित किया जाता है।

• अग्रसेन जयंती मेला — मार्च 4 अप्रैल महीने में यह मेला हिसार के अग्रोहा नामक स्थान पर अग्रसेन की स्मृति में लगता है। यह मिला 3 दिनों तक भरता है।

जींद

• हाटकेश्वर का मेला — श्रावण महीने में शुक्ल पक्ष के अंतिम रविवार को इस मेले का आयोजन जींद के हाट गांव में किया जाता है।

• बिलसर का मेला — सोमवती अमावस्या के दिन यह मेला हंसहैडर नामक स्थान पर आयोजित होता है।

• सच्चा सौदा मेला — यह मेला गुरु तेग बहादुर की याद में गुरु पर्व पर आयोजित किया जाता है।

• धमतान साहिब मेला — यह मेला प्रत्येक महीने की अमावस्या को जिले के धमतान में स्थित गुरुद्वारे में लगता है यह मेला हिंदू सिख धर्म की एकता का प्रतीक है।

• रामरायहरद का मेला — इसमें महर्षि परशुराम के मंदिर में पूजा की जाती है।

यमुनानगर

• कपाल मोचन मेला — कार्तिक महीने में जगाधरी तहसील में बिलासपुर के निकट इस मेले का आयोजन किया जाता है। इसे कपाल मोचन कुंड भी कहा जाता है तथा इसके समीप ऋण मोचन कुंड भी है।

पानीपत

• चैत्र माता का मेला — चैत्र महीने में यह मेला पानीपत जिले के तिवाह, आदमी एवं बहौली स्थानों पर लगता है। ऐसी मान्यता है कि इससे छोटे बच्चों को खसरा, चेचक जैसी बीमारियां नहीं होती।

• कलंदर की मजार का मेला — यह मेला रमजान के महीने के बाद चांद के दिन कलंदर की मजार पर लगता है इसमें सामूहिक नमाज भी अदा की जाती है।

• शिवरात्रि का मेला — यह मेला भादड नामक स्थान पर फाल्गुन व श्रावण महीने में कृष्ण पक्ष की तृतीया के दिन लगता है।

• पाथरी माता का मेला — यह मेला पात्री नामक स्थान पर चैत्र व आषाढ़ महीने में प्रत्येक बुधवार को लगता है हजारों लोग यहां मुरादें मांगने वाले गठजोड़ उतारने आते हैं।

भिवानी

• दशहरे का मेला — विजयदशमी के अवसर पर यह मेला भिवानी व लोहारू में लगता है।

• नागा बाबा का मेला — यह मेला नवाराजगढ़ में लगता है इसमें नागा बाबा की पूजा होती है।

• सती का मेला— भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी को भिवानी में खरक कलां गांव में दादी जगदे सती की स्मृति में इस मेले का आयोजन किया जाता है।

• बाबा खेड़े वाले का मेला — रक्षाबंधन के दिन यह मेला भिवानी जिले के नौरंगाबाद में लगता है।

• पूर्णमासी का मेला — यह मेला तोशाम नामक स्थान पर लगता है।

• मुंगीप का मेला — इस दिन बाबा मुंगीपा की पूजा की जाती है।

महेंद्रगढ़

• ढोसी का मेला — नारनौल के निकट ढोसी पहाड़ी पर स्थित तीर्थ स्थल पर हर वर्ष इस मेले का आयोजन होता है यह स्थल महर्षि च्यवन की तपोस्थली है।

• बाबा भिलाई नाथ का मेला — भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष को यह मेला महेंद्रगढ़ जिले के नांगलगढ़ में आयोजित होता है।

• तीज का मेला — नारनौल में श्रावण महीने की शुक्ल तृतीया को लगता है।

• शिव जी का मेला — यह मेला श्रावण महीने की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को ग्राम बगौत में लगता है।

• भूरा भवानी मेला — यह मेला वैशाख महीने की नवमी को लगता है।

• हनुमान जी का मेला — यह मेला शोभा सागर, नारनौल में दौचाना गांव में चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष में लगता है।

गुरुग्राम

• शीतला माता का मेला — चैत्र व आषाढ़ महीने में प्रत्येक सोमवार को यह मेला गुरुग्राम में आयोजित किया जाता है

• बुधहो माता का मेला — यह मेला मार्च महीने के प्रत्येक सप्ताह को गुरुग्राम के मुबारिकपुर नामक स्थान पर लगता है।

• गोगा नवमी का मेला — भाद्रपद महीने की नवमी को यह मेला इस्लामपुर में लगता है। इसमें गोगा पीर की पूजा की जाती है।

• महादेव का मेला — यह मेला गुरुग्राम के इच्छापुर में फाल्गुन महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी वह पूर्णिमा और श्रावण महीने में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी व पूर्णिमा को लगता है।

• बूढ़ी तीज का मेला — भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया को यह मेला गुरुग्राम के आलदुर्का में लगता है। यह मेला मुस्लिम समाज द्वारा आयोजित किया जाता है।

• भगत पूरणमल का मेला — भाद्रपद में यह मेला कासन में लगता है यहां लोग दूर-दूर से भक्त पूरणमल की पूजा करने आते हैं।

• शाहचोखा खोरी का मेला — अप्रैल महीने में यह मेला खोरी में लगता है। यह मेला शाहचोखा के सम्मान में मुस्लिम समाज द्वारा आयोजित किया जाता है।

• शिवजी का मेला — फरवरी महीने में यह मेला गुरुग्राम के पुनहाना में आयोजित किया जाता है।

फरीदाबाद

• बलदेव छठ का मेला — भाद्रपद शुक्ल पक्ष की नवमी व दशमी को यह मेला बलरामगढ़ में बलदेव की जन्मतिथि के रूप में भरता है।

• कालका का मेला — मोहाना में चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष की अष्टमी को माता कालका की पूजा होती है। इस उपलक्ष्य में कालका मेले का आयोजन किया जाता है।

• जन्माष्टमी का मेला — भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी को यह मेला दतीर नामक स्थान पर लगता है। इस मेले में पहलवानों के लिए एक विशाल दंगल का आयोजन किया जाता है।

• गोगा पीर का मेला — भाद्रपद महीने में बहबलपुर में शुक्ल पक्ष की नवमी को यह मेला आयोजित किया जाता है।

• फुलडोर का मेला — चैत्र कृष्ण पक्ष की द्वितीया को यह मेला आतरचट्ठा में लगता है। यह मेला बाबा बक्शीनाथ की याद में आयोजित किया जाता है

• बाबा उदास नाथ का मेला — फरीदाबाद के अलावलपुर में सिद्ध बाबा की समाधि पर मेले का आयोजन किया जाता है।

• सूरजकुंड क्राफ्ट मेला — ऐतिहासिक पर्यटन स्थल पर प्रतिवर्ष कला और शिल्प के बड़े सांस्कृतिक मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में संपूर्ण भारत के साथ विश्व के कई देशों के शिल्पकार और कलाकार भाग लेते हैं।

• कार्तिक सांस्कृतिक मेला — बलरामगढ़ में इस मेले का आयोजन हरियाणा के पर्यटन विभाग द्वारा किया जाता है। इस आयोजन में भी शिल्प और कला को प्रोत्साहन देकर पर्यटकों को आकर्षित किया जाता है।

• कनूवा का मेला — भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी को यह मेला गाठोता में लगता है।

• कान्हा गौशाला का मेला — फाल्गुनी पंचमी को यहां मेला बहीन नामक स्थान पर दादा कान्हा रावत की स्मृति में लगता है।

• शिव चौदस का मेला — शिवरात्रि के दिन यह मेला मैटोली नामक स्थान पर लगता है।

रेवाड़ी

• बाबा सूरजगिरी का पौराणिक मेला — यह मेला रेवाड़ी के खोरी नामक स्थान पर आयोजित किया जाता है।

• पीर बाबा का मेला — चैत्र महीने में कृष्ण चतुर्दशी को यह मेला रेवाड़ी के बीकानेर में आयोजित किया जाता है।

• गोगा नवमी का मेला — चैत्र महीने में कृष्ण पक्ष की नवमी को यह मेला रेवाड़ी के धारूहेड़ा में आयोजित किया जाता है।

• बसंत पंचमी का मेला — माघ महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी को यह मेला रेवाड़ी के काठुवास में लगता है।

• शिवरात्रि का मेला — फाल्गुन महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को यह मेला रेवाड़ी के खड़गवास, चिमनावास व कन्होरी में लगता है।

रोहतक

• बाबा मस्तनाथ का मेला — यह मेला फरवरी से मार्च महीने में रोहतक जिले के बोहर नामक स्थान पर आयोजित किया जाता है।

• बाबा जमनादास का मेला — चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष की अष्टमी को इस मेले का आयोजन भलोट नामक स्थान पर किया जाता है।

• शिवरात्रि का मेला — यह मेला किलोई नामक स्थान पर फरवरी-मार्च व जुलाई-अगस्त में लगता है।

• तीज का मेला — यह मेला रोहतक जिले में श्रावण शुक्ल पक्ष में लगता है।

• जन्माष्टमी का मेला — भाद्रपद महीने में शुक्ल पक्ष की अष्टमी को यह मेला रोहतक में लगता है।

सोनीपत

• डेरा नग्न बालनाथ का मेला — यह मेला सोनीपत जिले के रभडा तहसील में लगता है।

• नवरात्रि देवी का मेला — चैत्र महीने में शुक्ल पक्ष की अष्टमी को यह मेला रभड़ा तहसील गोहाना क्षेत्र में आयोजित होता है

• सतकुम्भा का मेला — यह मेला सोनीपत के खेड़ी गुर्जर ग्राम में श्रावण महीने के अंतिम रविवार को लगता है।

• बाबा रामक शाह का मेला — खूबडू तहसील में फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को लगता है। यह मेला सांप्रदायिक एकता का अनुपम उदाहरण हैं।

• रक्षाबंधन का मेला — यह मेला सोनीपत में श्रावण महीने की पूर्णिमा को लगता है इसमें निशानेबाजी, नाच–गाना, कुश्ती आदि पारम्परिक खेलों का आयोजन किया जाता है।

नूंह

• शिव जी का मेला — यह मेला प्रति वर्ष फरवरी महीने में फिरोजपुर झिरका में लगता है।

• रावण का मेला — प्रतिवर्ष विजयदशमी को असत्य पर सत्य की विजय के प्रतीक के रूप में फिरोजपुर झिरका में रावण का मेला का आयोजन किया जाता है।

• राम नवमी का मेला — प्रतिवर्ष चैत्र मास शुक्ल पक्ष की नवमी को यह मिला भगवान राम के जन्म के शुभ अवसर पर नूंह जले के फिरोजपुर में आयोजित किया जाता है। राम के जन्मोत्सव के साथ ही रामनवमी पर्व मां दुर्गा के नवरात्रि के समापन के साथ भी जुड़ा हुआ हैै।

पलवल

• सती का मेला — पलवल जिले के होडल में स्थानीय सती सरोवर स्थल पर स्थित सती माता के मंदिर परिसर में सती मेले का आयोजन किया जाता है। यह मेला बसंत पंचमी के ठीक पहले आयोजित किया जाता है।

• दाऊजी का मेला — दाऊजी का मेला पलवल जिले के बंचारी में लगता है दाऊजी मंदिर बलराम को समर्पित है।

• रक्षाबंधन का मेला — श्रावण महीने की पूर्णिमा को यह मेला पलवल के पंचवटी में लगता है। इस स्थान को पांडवों के आगमन से जोड़ा जाता है।


झज्जर

• होली का मेला — यह मेला हरियाणा के झज्जर जिले के दूल्हेडा में होलिका दहन के अगले दिन लगता है।

• भीमेश्वरी देवी का मेला — यह मेला झज्जर जिले के बेरी नामक स्थान पर वर्ष में दो बार लगता है।

• बाबा गरीब दास का मेला — यह मेला छुड़ानी नामक स्थान पर फरवरी-मार्च महीने में आयोजित किया जाता है।

• श्याम जी का मेला — झज्जर जिले के दुबल्धन माजरा में फाल्गुन महीने में शुक्ल पक्ष की द्वादशी को लगता है यह मेला छोटे बच्चों के मुंडन के लिए प्रसिद्ध है।

• गोगा नवमी का मेला — यह मेला बादली नामक स्थान पर भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष की नवमी को लगता है।

• बूढ़ा बाबा का मेला — झज्जर जिले के आसदा नामक स्थान पर सितंबर अक्टूबर महीने में इस मेले का आयोजन किया जाता है।

चरखी दादरी

• दशहरे का मेला — चरखी दादरी जिले में विजयदशमी के दिन इस मेले का आयोजन किया जाता है।

• जन्माष्टमी का मेला — यह मिला भगवान श्री कृष्ण के जन्म के अवसर पर प्रतिवर्ष भाद्रपद महीने में चरखी दादरी में लगता है।

जरूर पढ़े ….
हरियाणा के जिलों का नामकरण
हरियाणा के महत्वपूर्ण नगरों के उपनाम
हरियाणा राज्य के शहरों के उपनाम

Read Also Question And Answer

Q. हट्केश्र्वर मेला कहाँ लगता है?

Ans. जींद के हाट गाँव में सावन शुक्ल पक्ष के अंतिम रविवार को

Q. पांडु पिंडारा मेला कहाँ लगता है?

Ans. पिंडारा में प्रत्येक अमावस्या को, पिंडदान से संबंधित

Q. बिलसर का मेला कहाँ लगता है?

Ans. हंसहेडर में सोमवती अमावस्या को

Q. सच्चा सौदा मेला कहाँ लगता है?

Ans. सिंहपुरा क्षेत्र में गुरू तेज बहादुर जी की याद में, गुरुपर्व की पूर्णमासी को

Q. धमतान साहिब मेला कहाँ लगता है?

Ans. धमतान में हर महीने की अमावस्या को

Q. शिवजी के मंदिर का उत्सव मेला कहाँ लगता है?

Ans. भूरायण नामक स्थान पर, सावन व फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में

Q. रामरायद्दद का मेला कहाँ लगता है?

Ans. रामराय में वैशाख व कार्तिक मॉस की पूर्णमासी को

Q. पांडु का मेला कहाँ लगता है?

Ans. पपहाना (असंध) में प्रतिमाह लगता है.

Q. छड़ीयों का मेला कहाँ लगता है?

Ans. अमरपुर में सितम्बर माह में पवित्र धार्मिक छड़ी की पूजा होती है.

Q. बाबा सिमरन दास का मेला कहाँ लगता है?

Ans. इन्द्री कस्बे में अक्टूबर माह में यह मेला लगता है.

Q. देवी का मेला कहाँ लगता है?

Ans. पटहेड़ा नामक क्षेत्र में अप्रैल महीने में यह मेला लगता है.

Q. गोगापीर का मेला कहाँ लगता है?

Ans. खेड़ा नामक स्थान पर, भादो की नवमी को यह मेला लगता है.

Q. परासर का मेला कहाँ लगता है?

Ans. तरावड़ी नामक स्थान पर फरवरी माह में इसका आयोजन होता है.

Q. बाबा उदासनाथ मेला कहाँ लगता है?

Ans. अलावलपुर में फाल्गुन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को

Q. फुलडोर का मेला कहाँ लगता है?

Ans. अतरचट्ट में चैत्र कृष्ण पक्ष की द्वितीया

Q. दादा कान्हा रावत का मेला कहाँ लगता है?

Ans. बहोत में फाल्गुन पंचमी

Q. सूरजकुण्ड का मेला कहाँ लगता है?

Ans. फरवरी माह में, पर्यटन व कला की दृष्टि से यह मेला देश-विदेश में ख्याति प्राप्त कर चुका है.

Q. कनुवा का मेला कहाँ लगता है?

Ans. गाढोता में भादों कृष्ण पक्ष एकादशी

Q. कालका का मेला कहाँ लगता है?

Ans. मोहना में चैत्र शुक्ल पक्ष की अष्टमी को यह मेला लगता है.

Q. रामनवमी का उत्सव मेला कहाँ लगता है?

Ans. भैडोली में भादो की नवमी को मनाया जाता है.

Q. बाबा मस्तनाथ मेला कहाँ लगता है?

Ans. अस्थल बोहर में फाल्गुन सुदी अष्टमी व नवमी (फरवरी-मार्च)

Q. श्याम जी का मेला कहाँ लगता है?

Ans. दुबलधन माजरा में फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वादशी (फरवरी-मार्च)

Q. भीमेश्वरी का मेला कहाँ लगता है?

Ans. बेरी में नवरात्रि के दिनों में

Q. शीतला माता का मेला कब लगता है?

Ans. चैत्र व आषाढ़ मास में

Q. बूढ़ी तीज मेला कहाँ लगता है?

Ans. अलदूर्का नामक स्थान पर, भादो शुक्ल पक्ष की तीज पर, मुस्लिम समुदाय द्वारा मनाया जाता है.

Q. पुण्डरक का मेला कहाँ लगता है?

Ans. पुण्डरी में अप्रैल में

Q. फल्गु मेला कहाँ लगता है?

Ans. फरल गाँव में आशिवन माह में सोमवती अमावस्या

Q. जन्माष्टमी मेला कहाँ लगता है?

Ans. श्री कृष्ण व गुरू जम्भेश्वर के जन्म पर्व पर

Q. अग्रसेन जयन्ती मेला कहाँ लगता है?

Ans. अग्रोहा में अक्टूबर माह में

Q. नवरात्रि मेला कहाँ लगता है?

Ans. बास व बनभौरी में चैत्र व आशिवन मास में

Q. गोगा नवमी मेला कहाँ लगता है.

Ans. भादो शुक्त नवमी को

Q. शिवजी का मेला कहाँ लगता है?

Ans. फाल्गुन माह में सीसवाल व किरमारा गाँव में

Q. बाबा खेड़ेवाला का मेला कहाँ लगता है?

Ans. नौरंगाबाद में रक्षाबन्धन वाले दिन

Q. ढोसी का मेला कहाँ लगता है?

Ans. ढोसी पहाड़ी पर महर्षि च्यवन की तपोभूमि पर इस मेले का आयोजन किया जाता है.

Q. हनुमान जी का मेला कहाँ लगता है?

Ans. सोभासागर, नारनौल व दौचाव में चैत्र शुक्ल पख पूर्णमासी को यह मेला लगता है.

Q. गुगा नवमी का उत्सव मेला कहाँ लगता है?

Ans. कनीना, हडीना, नारनौल में भादो कृष्ण पक्ष नवमी को यह उत्सव मनाया जाता है.

Q. तीज का मेला कहाँ लगता है?

Ans. पंजोखड़ा में सावन में शुक्ल पक्ष की तृतीया को

Q. शारदा देवी का मेला कहाँ लगता है?

Ans. त्रिलोकपुर में चैत्र माह में

Q. सूर्यग्रहण मेला कहाँ लगता है?

Ans. सरोवर स्नान

Q. मारकंडा मेला कहाँ लगता है?

Ans. शाहाबाद

Q. पंचमुखी मेला कहाँ लगता है?

Ans. छछरौली में

Q. श्याम बाबा छड़ी मेला कहाँ लगता है?

Ans. बहमगढ़ रेवाड़ी में फाल्गुन सुदी नवमी को

Q. बसंत पंचमी का मेला कहाँ लगता है?

Ans. काठूवास में माघ शुक्ल पंचमी को यह मेला लगता है.

Q. रक्षाबंधन मेला कहाँ लगता है?

Ans. पलवल

Q. जन्माष्टमी मेला कहाँ लगता है?

Ans. दादरी और लोहारू

Q. दशहरा मेला कहाँ लगता है?

Ans. दादरी और लोहारू

Q. श्यामजी का मेला कहाँ लगता है?

Ans. यह मेला झज्जर जिले के दुबलधन माजरा में फाल्गुन शुक्ल पक्ष द्वादशी (फरवरी-मार्च) में लगाया जाता है। यहां छोटे बच्चों के मुण्डन करवाए जाते हैं और नव-वधुओं को आशीर्वाद दिया जाता है।

Q. माता का मेला कहाँ लगता है?

Ans. हरियाणा के पानीपत जिले में माता का मेले हर चेत्र माह में लगता है. यह तिवाह, आदमी एवं बहौली नामक स्थानों पर लगता है। इसमें चैत्र माह में माता जी की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि इससे छोटे बच्चों को खसरा, चेचक जैसी बीमारियां नहीं होती हैं।

Avatar of Team EXAMZY

Hello, I am RV Singh (EXAMZY). I have been writing content on Examzy.in since 2018. Earlier I used to write content for Book Publishing since 2021. I have 5+ years of experience in blogging and content creation in various fields. I write content on job updates, government schemes, career news, exam preparation etc.

error: Content is protected !!