Types of Soil in Haryana – हरियाणा प्रदेश की मिट्टी के प्रकार:- Here you will read about the various types of soil in Haryana. This topic is very important from state exam point of view, because questions were asked from this topic in recent exams like HSSC, HPSC, Haryana Police & HTET. We are continuously providing you the Latest haryana gk in hindi, Haryana Current GK & Haryana Current affairs. We have provided a brief about the types of soil below:-
Types of Soil in Haryana – हरियाणा प्रदेश की मिट्टी के प्रकार
हरियाणा प्रदेश की मिट्टी के प्रकार – Various Types of soil in Haryana
हरियाणा प्रदेश में विभिन्न प्रकार की मिट्टि पाई जाती है जिनका विवरण निचे दिया गया है. हरियाणा की मिट्टियों को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया जा सकता है :-
अत्यन्त हल्की मिट्टी
यह मिट्टी बालूका प्रधान दोमट मिट्टी है. इसमें चूने के अंशों का बाहुल्य रहता है. यह मिट्टी सिरसा जिले के दक्षिणी भाग में फतेहाबाद, हिसार, भिवानी और महेंद्रगढ़ जिलों में मिलती है. इस मिट्टी के क्षेत्र में बालूका स्तूपों की प्रधानता है. यह मिट्टी बहुत जल्दी सुख जाती है इसमें जल ग्रहण करने की क्षमता भी कम है. इस मिट्टी में मोटे अनाजों और दालों की कृषि ही उपयोगी होती है.
हल्की मिट्टी
इस मिट्टी में दो प्रकार की मिट्टी बालू दोमट और दोमट मिट्टी सम्मिलित है.
1.) अपेक्षाकृत बालू दोमट मिट्टी
बालूका दोमट मिट्टी को रौसली मिट्टी भी कहते है.यह मिट्टी ज्यादातर हिसार, भिवानी, रेवाड़ी, गुडगाँव (गुरुग्राम) तथा झज्जर जिलों में पाई जाती है. इस मिट्टी में सिल्ट तथा मृतिका की अपेक्षा बालू की प्रधानता होतीं है अंत: इसमें हल चलाने में कम परिश्रम होता लगता है.
2.) बलुई दोमट मिट्टी
इस मिट्टी का विस्तार हरियाणा के पश्चिम भाग में घग्गर नदी के उत्तर में सिरसा तहसील के कुछ गाँवों में तथा डसवाली तहसील में है.
मध्यम मिट्टियाँ
मध्यम मिट्टियों में मोटी दोमट, हल्की दोमट और दोमट मिट्टियाँ सम्मिलित है.
1.) मोटी दोमट मिट्टी
मोटे कणों की दोमट मिट्टी मेवात (नूंह) जिले के मध्य नूंह पश्चिम फिरोजपुर ;सिरसा के निम्न क्षेत्रों पाई जाती है.
2.) हल्की दोमट मिट्टी
हल्की दोमट मिट्टी मुख्यतः दक्षिणी-पश्चिमी अम्बाला तथा नारायणगढ तहसील के दक्षिणी भाग में पाई जाती.
3.) दोमट मिट्टी
यह हरियाणा के मध्यवर्ती भाग में मुख्यतः जींद , कैथल , सोनीपत , पानीपत , कुरुक्षेत्र , करनाल . गुडगाँव (गुरुग्राम) तथा फरीदाबाद जिलों में पाई जाती है.
सामान्यत:भारी मिट्टी
यह मिट्टी सिल्टयुक्त है.इस प्रकार की मिट्टी को रवादार भी कहते है. यमुना नदी के साथ के क्षेत्रों में यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत और फरीदाबाद जिलों के पूर्वी किनारों में यह मिट्टी पाई जाती है.
शिवालिक गिरिपादीय तथा चट्टानी तल की मिट्टियाँ
1.) शिवालिक मिट्टी
ये मिट्टी पंचकुला की कालका और अम्बाला की नारायणगढ की तहसील में पाई जाती है. इन मिट्टी में बलुआ पत्थर, चीका, बजरी, तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है.
2.) गिरिपादीय मिट्टी
शिवालिक के गिरिपाद प्रदेश में बालू, बजरी, तथा रेतमय पाई जाने वाली ये मिट्टियाँ निम्न कोटि की है. यह मिट्टी पंचकुला की कालका, अंबाला की नारायणगढ और यमुनानगर की जगधारी तहसीलों में पाई जाती है.
3.) चट्टानी तल की मिट्टियाँ
हरियाणा के दक्षिणी भाग में अरावली पर्वत की पहाड़ियों के कारण पथरीली और रेतीली मिट्टी पाई जाती है.
हरियाणा राज्य की मिट्टियाँ – Soils Of Haryana
हरियाणा प्रदेश में विभिन्न किस्म मिट्टी पाई जाती है, जिसमे अत्यंत हल्दी मिट्टी , सामान्य मिट्टी, भारी मिट्टी के प्रकार शामिल है। कृषि की दृष्टि से हरियाणा राज्य की मिट्टि बहुत उपजाऊ मानी जाती हैं । इस लेख में आप हरियाणा की मिट्टी के बारे में पढ़ेंगे यह HSSC/ HPSC/HTET (राज्य स्तरीय) की परीक्षाओं के लिए बहुत उपयोगी विषय है।
हरियाणा प्रदेश का अधिकतर भाग मैदानी है तथा कृषि की उपज जलवायु और सिंचाई पर निर्भर है। राज्य में पहाड़ी क्षेत्र सीमित हैं और मैदानों की मिट्टी नदियों द्वारा बहाकर लाई मिट्टी है ।
हरियाणा की भूमि को निम्न तीन भागों में बाटाँ जा सकता है-
- पहाड़ी भूमि
- मैदानी भूमि
- रेतीली भूमि
1.) पहाड़ी : – इस क्षेत्र की मिट्टी पथरीली है तथा इस प्रकार की मिट्टी मोरनी की पहाड़ियों पर देखी जा सकती है। प्रदेश के दक्षिणी भाग में अरावली पर्वत की पहाड़ियों उपस्थिति होने के कारण ही यहां पथरीली और रेतीली मिट्टियां पाई जाती हैI प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र में मिट्टी पतली और कठोर है।
2.) मैदानी :- प्रदेश के मैदानी भाग की मिट्टी उपजाऊ है I यह देखने में भूरे पीले रंग की है I यह मिट्टी यमुना ,सरस्वती आदि नदियों के बहाव के साथ आई है । इस क्षेत्र में अनेक फसलों की पैदावार की जाती है और सबसे उपजाऊ क्षेत्र भी हरियाणा के मैदानी भाग को ही माना जाता है ।
3.) रेतीली :- हरियाणा के दक्षिण-पश्चिमी भाग में रेतीली मिट्टी पाई जाती है I इस मिट्टी का रंग हल्का भूरा है यह मिट्टी पड़ोसी राज्य राजस्थान से चलने वाली पवनों के साथ आती है I यह कृषि के लिए अधिक उपजाऊ नहीं मानी जाती है।
काप मिट्टी केवल नदियों की घाटियों से मिलती है। जिन क्षेत्रों मे यमुना व घग्घर नदी की बाढ़ का पानी फैल जाता है । उनमें बारिश काली मिट्टी मिलती है।
प्रदेश के यमुनानगर जिले में कई प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। उदासीन प्रतिक्रिया वाली मिट्टी पाई जाती है। दिन में जिनमें नाइट्रोजन तथा फासफोरस की कमी होती है। इस क्षेत्र में लाल चेस्टनट मिट्टी पाई जाती है वह शिवालिक के ऊपर उप पर्वतीय क्षेत्र में दोमट भूरी रेतीली मिट्टी है जिनके कारण भूमि में कंकर -पत्थर पाए जाते हैं।
रोहतक जिले की मिट्टी चिकनी व उपजाऊ किस्म की है। झज्जर तहसील के अधिकतर बागों में बालू रेत के टीले मिलते हैं इस मिट्टी का रंग हल्का भूरा होता है तथा इसमें नाइट्रोजन की कमी होती है। सोनीपत जिले की मिट्टी रेतीली और दोमट है। सोनीपत जिले की मिट्टी रेतीली और दोमट है ।सिरसा जिले में लाल मिट्टी तथा हिसार ,भिवानी फतेहाबाद में बलुई दोमट मिट्टी मिलती है। मिट्टी में पानी की मदद से अच्छी फसल पैदा की जा सकती है।
जिला गुड़गांव की मिट्टी के किस्म के आधार पर दो मुख्य भागों में बांटा गया है-(1) असमतल, (2) मैदानी एवं रेतीले टीले है। मिट्टी के किसम रेतीली एवं दोमट है। फिरोज़पुर -झिरिका ,नगीना, तावड़ू तथा पटौदी में मैदानी एवं रेतीले टीले हैं। परंतु नोहा कथा फिरोजपुर- झिरका के कुछ हिस्सों में चिकनी किस्म की मिट्टी पाई जाती है । जीन्द जिले की भूमि घग्घर और यमुना नदी के पानी से बहकर आई मिट्टी से बनी है, जिससे एल्यूवियल आयोलियन भूमि कहा जाता है ।अम्बाला कैथल जिले की मीटिंग पीले भूरे रंग की है तथा कहीं-कहीं मिट्टी पथरीली भी है। फरीदाबाद जिले की मिट्टी उपजाऊ है तथा अधिक काशत: यहां पीले भूरे रंग की मिट्टी पाई जाती है जो बहुत उपजाऊ होती है। जिला कुरुक्षेत्र पानीपत वाया करनाल की मिट्टी उपजाऊ है ।तथा यहां अधिकांशतः पीले भूरे रंग की मिट्टी पाई जाती है रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ जिलों की मिट्टी अधिकतर रेतीली है और अधिक उपजाऊ नहीं है यहां की मिट्टी का रंग हल्का भूरा है।
हरियाणा की मिट्टी (Soils of Haryana)
- चिकनी मिट्टी (क्ले) व क्ले लैम; कम नाइट्रोजन ( N); मध्यम फॉस्फोरस (P), अधिक पोटैशियम (K), कम से मध्यम जिंक और अन्य पोषक तत्व अधिक मात्रा में लगभग सारी मिट्टी जलोढ़ (एलूवियम) के कारण बनी होती है। यह राज्य गंगा और सिंधु नदी के निचले स्तर में बसा हुआ है।
- यह बहुत ही विस्तृत मैदान है जो दो नदी घाटियों के बीच स्थिति जलस्तर (वाटरशेड) के समीप स्थित है। यह नम भूमि का बहुत बड़ा मैदान है।
- यमुना और घाग्गर के बाढ़ वाले इलाके को छोड़कर लगभग सारे क्षेत्र में पुराना जलोढ़ मिट्टी है जिसमें बालू, चिकनी मिट्टी, कीचड़ (सिल्ट) व “कंकड़” के नाम से पहचाने जाने वाले कैल्शियम युक्त भारी पदार्थ होते हैं।
- खाद्दर में जमा जलोढ़ की मिट्टी नई मिट्टी है। इनमें खुरदुरा बालू और कुछ कीचड़ पाए जाते हैं जो नदियों द्वारा जमा किए जाते हैं। साथ में सिंधु-गंगा के वाटरशेड में छोटी छोटी पहाड़ियों के समूह भी पाए जाती हैं।
- दक्षिण पश्चिमी भाग में हवा में बहकर बालू की बहुत अधिक मात्रा जमा हो गई है जिसे रेत का टीला कहते हैं।
- इनमें से कुछ टीलों की ऊंचाई कई मीटर होती है और ये कई किलीमीटर की दूरी में फैली होती है। जलोढ़ बालू से ढ़की होती है और इस कारण यह क्षेत्र शुष्क व रेगिस्तान की तरह बंजर होता है।
- इस क्षेत्र में मात्र तल ऐसा भाग है जहां खेती की जाती है क्योंकि कुछ कारणों से यहां बालू जमा नहीं हो पाती है।
हरियाणा प्रदेश की मिट्टी से जुडी प्रश्नोत्तरी
Q. अत्यन्त हल्की मिट्टी को क्या कहते है?
Ans. बालूका प्रधान दोमट मिट्टी
Q. बालूका मिट्टी में किस का बाहुल्य पाया जाता है?
Ans. चुने के अंशों का
Q. बालूका दोमट मिट्टी कहाँ-कहाँ पाई जाती है?
Ans. सिरसा जिले के दक्षिणि भाग में फतेहाबाद, हिसार, भिवानी और महेंद्रगढ़ जिलों में पाई जाती है.
Q. बालूका दोमट मिट्टी में कौन से अनाजों की कृषि ही उपयोगी है?
Ans. मोटें अनाजों और दालों की
Q. हल्की मिट्टी में कौन-कौन सी मिट्टी होती है?
Ans. बालू दोमट और दोमट मिट्टी
Q. बालू दोमट मिट्टी को क्या कहते है?
Ans. रौसली मिट्टी
Q. रौसली मिट्टी कहाँ कहाँ पाई जाती है?
Ans. हिसार, भिवानी, रेवाड़ी, गुडगाँव (गुरुग्राम) तथा झज्जर जिलों में पाई जाती है.
Q. रौसली मिट्टी में सिल्ट तथा मृतिका की अपेक्षा किस की प्रधानता होती है?
Ans. बालू मिट्टी की
Q. बलुई दोमट मिट्टी कहाँ-कहाँ पाई जाती है?
Ans. हरियाणा के पश्चिमी भाग में घग्गर नदी के उत्तर में सिरसा तहसील के कुछ गावों में तथा डसवाली तहसील में बलुई दोमट मिट्टी देखने को मिलती है.
Q. मध्यम मिट्टियों में कौन सी मिट्टियाँ आती है?
Ans. मोटी दोमट, हल्की दोमट और दोमट मिट्टी
Q. मोटे कणों की दोमट मिट्टी कहाँ पाई जाती है?
Ans. मेवात(नूंह) जिले के मध्य नूंह पश्चिमी फिरोजपुर ,सिरसा के निचले क्षेत्रों में पाई जाती है.
Q. हल्की दोमट मिट्टी कहाँ पाई जाती है?
Ans. दक्षिणी पश्चिमी अंबाला तथा नारायणगढ तहसील के भाग में पाई जाती है.
Q. दोमट मिट्टी कौन से जिलों में पाई जाती है?
Ans. जींद, कैथल, सोनीपत, पानीपत, कुरुक्षेत्र, करनाल, गुडगाँव तथा फरीदाबाद में पाई जाती है.
Q. भारी मिट्टी को क्या कहते है?
Ans. रवादार मिट्टी
Q. रवादार मिट्टी क्या होता है?
Ans. सिल्ट
Q. रवादार मिट्टी कहाँ पाई जाती है?
Ans. यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत और फरीदाबाद जिलों के पूर्वी किनारों में यह मिट्टी पाई जाती है.
Q. शिवालिक मिट्टियाँ कहाँ पाई जाती है?
Ans. पंचकुला की कालका और अम्बाला की नारायणगढ तहसील में पाई जाती है.
Q. शिवालिक मिट्टियों में किस की प्रधानता होती है?
Ans. बलुआ पत्थर, चीका, बजरी तत्वों की
Q. गिरीपदीय मिट्टियां कहाँ पाई जाती है?
Ans. पंचकूला की कालका, अंबाला की नारायणगढ की और यमुनानगर की जगाधारी तहसीलों में पाई जाती है.
Q. हरियाणा के दक्षिणी भाग में अरावली पर्वत की पहाड़ियों की उपस्थिति के कारण कौन सी मिट्टियाँ पाई जाती है?
Ans. पथरीली और रेतीली मिट्टियां पाई जाती है.
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